Bareilly खुसरो कॉलेज में ही बनाते थे फर्जी डिग्री, मार्कशीट,सामने आई फर्जीवाड़े की सनसनीखेज कहानी,
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क करोड़ों के फर्जीवाड़े का पूरा खेल खुसरो कॉलेज में ही रचा गया था. पुलिस के मुताबिक, खुसरो कॉलेज में ही डी-फार्मा, बी-फार्मा और पैरामेडिकल कोर्स की फर्जी डिग्री बनाई जाती थी. कई विश्वविद्यालयों के जाली अंकपत्र आरोपी खुसरो कॉलेज में ही बनाकर छात्रों को देता था. एसआईटी की जांच में पता चला कि कई छात्रों ने 2021 में खुसरो कॉलेज में प्रवेश लिया था. उनको 2019 की डिग्री दी गई थी.
शेर अली जाफरी पहले इंटर कॉलेज का संचालन करता था और फिर पास में जमीन खरीदकर डिग्री कॉलेज बना लिया था. पुलिस जांच में पता चला है कि खुसरो कॉलेज में डी-फार्मा के लिए न फैकल्टी थी, न क्लास रूम ही था. छात्रों से डी-फार्मा की फीस खुसरो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नालाजी व खुसरो पैरामेडिकल कॉलेज की रसीद पर ली जाती थी. छात्रों को शक न हो, इसके लिए फीस कई किश्त में लेते थे. छात्रों का भरोसा जीतने के लिए ऑनलाइन, पेटीएम से भी फीस जमा कराते थे.
2.30 लाख फीस लेते थे, क्लास नहीं दिखाते थे : फर्जीवाड़े में शेरअली का बेटा फिरोज अली भी शामिल था. डी-फार्मा में प्रवेश लेने वाले छात्र से 2.30 लाख रुपये वसूलते थे. फिरोज और डॉ. विजय शर्मा कॉलेज में छात्रों का प्रवेश लेकर प्रवेश प्रक्रिया, औपचारिकता पूरी की जाती थी. प्रवेश के बाद छात्र जब पढ़ने आते तो किसी न किसी बहाने उनको बताया जाता था कि क्लास अभी नहीं चल रही है. दरअसल खुसरो कॉलेज में क्लास रूम उपलब्ध ही नहीं था.
खुद को बचाने के लिए कराया था पहला मुकदमा: फर्जीवाड़े की बात खुलने लगी तो आरोपियों को आशंका थी कि उनका भंडाफोड़ हो सकता है. इससे पहले कि पुलिस और प्रशासन कार्रवाई करता, सुनियोजित साजिश के तहत विश्वनाथ शर्मा ने खुद को और शेर अली जाफरी को बचाने के लिए आस्था कंसल्टेंसी के डॉ. विजय शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करा दी थी. शुरुआत आत में शेर अली जाफरी ने मुकदमा दर्ज कराकर यह दिखाने की कोशिश की थी कि उसके साथ ही फर्जीवाड़ा हो गया है.
छात्रों का प्रवेश रजिस्टर, फीस बुकलेट बरामद
गिरफ्तार शेर अली व उसके बेटे फिरोज के पास से पुलिस ने महत्वपूर्ण रजिस्टर बरामद किए हैं. इसमें छात्रों का प्रवेश रजिस्टर व फीस बुकलेट अहम है. साथ ही डॉ. विजय को दिए रुपये का रजिस्टर भी बरामद हो गया है. पुलिस ने छात्रों से जमा कराई गई फीस का बैंक स्टेटमेंट भी बरामद किया है जो काफी अहम है.
अब तक चार मुकदमे दर्ज
● पहला मुकदमा: कॉलेज प्रबंधन ने खुद को बचाने के लिए प्रिंसिपल विश्वनाथ की ओर से आस्था कंसल्टेंसी के प्रोपराइटर डॉ. विजय शर्मा पर दर्ज कराया है.
● दूसरा मुकदमा: डीफॉर्मा के छात्र महेश राठौर समेत अन्य की ओर से फर्जी डिग्री व अंकपत्र देकर ठगी करने के आरोप में कॉलेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी के खिलाफ लिखाया गया.
● तीसरा मुकदमा: प्रशासन की ओर से नामित जांच अधिकारी जीटीआई के प्रिंसिपल नरेंद्र ने चेयरमैन शेर अली जाफरी, विश्वनाथ शर्मा और डॉ. विजय शर्मा के खिलाफ दर्ज कराया.
● चौथा मुकदमा: मीरगंज के कुच्छा के छात्र शनि के पिता धर्मेंद्र ने को कॉलेज चेयरमैन शेर अली जाफरी और टीचर तारिक के खिलाफ दर्ज कराया.
फीस की रसीद पर थे फिरोज के हस्ताक्षर
जाली डिग्री बांटने का मामला गरमाया तो शेर अली जाफरी के बेटे ने बचने की पुरजोर कोशिश की. वह मुकदमे में नामजद भी नहीं था. लेकिन फर्जीवाड़े में पूरी तरह शामिल था और इसकी पुष्टि छात्रों से लिए फीस की रसीद ने की. फीस की रसीद पर फिरोज के हस्ताक्षर थे. इसके बाद जांच टीम ने मुकदमे में उसका नाम बढ़ा दिया था.
हिमाचल से उड़ीसा तक की डिग्री बांटी
एसआईटी की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. पुलिस के मुताबिक, खुसरो कॉलेज के डी-फार्मा में प्रवेश लेने वाले छात्रों को कई राज्यों के विश्वविद्यालय की डिग्री, अंकपत्र बांटे जाते थे. कॉलेज प्रबंधन छात्रों को उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, मदरहुड विश्वविद्यालय रुड़की, उत्तराखंड, छत्रपति शिवाजी साहू महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के नाम से फर्जी डिग्री और अंकपत्र बांटता था जो जांच में फर्जी पाए गए हैं.
बरेली न्यूज़ डेस्क