Lucknow रोबोटिक सर्जरी से ट्रांसप्लांट में डोनर की मौत

Lucknow रोबोटिक सर्जरी से ट्रांसप्लांट में डोनर की मौत
 
Lucknow रोबोटिक सर्जरी से ट्रांसप्लांट में डोनर की मौत

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   शहीद पथ स्थित निजी अस्पताल में रोबोट से एक युवक का लिवर ट्रांसप्लांट किया गया. इससे ट्रांसप्लांट के लिए लिवर डोनेट करने वाली युवक की पत्नी (30) की आंतें भी कट गईं. कई दिन तक डॉक्टरों ने परिवारीजनों को पूरे मामले से अनभिज्ञ रखा. महिला की हालत बिगड़ने लगी तो हकीकत सामने आई. इस बीच आंतों को सही करने के लिए कई बार ऑपरेशन भी किए गए, लेकिन उसकी मौत हो गई. मृतक के ससुर ने डीएम, सीएमओ समेत अन्य अफसरों से शिकायत की है. संवेदनहीनता का आलम यह है कि दो माह बीतने को है, जांच कमेटी तक नहीं गठित की जा सकी है.

रायबरेली रोड वृंदावन योजना निवासी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि बेटे अभिजीत सिंह (37) को लिवर की समस्या थी. विनोद के मुताबिक शहीद पथ स्थित कारपोरेट हॉस्पिटल में पांच सितंबर 2024 को दिखाया, जहां डॉक्टरों ने रोबोटिक सर्जरी से ट्रांसप्लांट कराने के लिए कहा. इसके लिए अतिरिक्त साढ़े तीन लाख रुपए लगने की बात कही . तीन अक्तूबर को लिवर डोनेट करने के लिए बहू शांभवी सिंह और दो अक्तूबर को बेटे अभिजीत को भर्ती कर लिया. चार अक्तूबर को तीन प्रमुख डॉक्टरों और टीम ने रोबोटिक सर्जरी कर शांभवी का लिवर लोब लिया. विनोद का आरोप है कि सर्जरी के दूसरे दिन से ही बहू की तबियत सुस्त रहने लगी. पेट में रिसाव बढ़ने लगा. शिकायत पर डॉक्टरों ने कहा कि यह सामान्य रूप से होता है. इसके बाद रोबोटिक सर्जरी के दौरान आंतें कटने की बात कह 11, 15, 20 और 24 को चार बार सर्जरी की. पूरे शरीर में सेप्टिक फैलने से सात नवंबर की दोपहर बहू शांभवी की मौत हो गई. ऑपरेशन (डोनर व रिसिपिएंट) के ऑपरेशन में सवा तेईस लाख समेत कुल 40 लाख रुपए खर्च हो गया. बेटा दो साल का है.

दो माह बाद भी जांच कमेटी नहीं बनी

तेरहवीं व बर्खी के बाद परिवारीजन सुलतानपुर से लखनऊ लौटे तो विनोद सिंह ने 29 नवंबर को जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त दक्षिणी, सीएमओ, उप्र. मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष आदि से लिखित शिकायत की. शिकायत के दो माह बीत जाने के बाद भी आज तक मामले में जांच कमेटी तक नहीं गठित हो सकी है. पीड़ित परिवारीजन न्याय के लिए भटक रहे हैं.

 

 

लखनऊ न्यूज़ डेस्क