Meerut 17 बीएड कॉलेजों का छात्रों के प्रवेश से इनकार, छात्र नहीं मिलने से 17 कॉलेजों ने किया सरेंडर, नहीं भेजा नाम
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति से बीएड के बाहर होने और इससे छात्रों के घटे रुझान का असर कॉलेजों पर पड़ने लगा है. सत्र 2024-26 में विवि के 17 कॉलेजों ने बीएड में प्रवेश में लेने से सरेंडर कर दिया है.
कॉलेजों ने विवि से उनका नाम बीएड काउंसिलिंग में नहीं भेजने की अपील की है. कॉलेजों के प्रस्ताव के आधार पर विवि ने इन 17 कॉलेजों के नाम काउंसिलिंग के लिए नहीं भेजे. सात कॉलेज जांच के घेरे में होने से प्रवेश से बाहर कर दिए गए हैं. इन कॉलेजों के खिलाफ जांच समिति आरोपों की जांच कर रही हैं.
कॉलेजों के प्रवेश नहीं लेने की स्थिति संकट में फंसे शैक्षिक संस्थानों की है. उक्त सत्र के लिए जल्द बीएड काउंसिलिंग शुरू हेाने जा रही है. विवि काउंसिलिंग के लिए नाम भेजता है लेकिन मेरठ मंडल के 17 कॉलेजों ने प्रवेश लेने से साफ इंकार कर दिया. ऐसे में इन कॉलेजों में बीएड का यह सत्र शून्य रहेगा. मेरठ मंडल के छह जिलों में चार सौ से अधिक बीएड कॉलेज हैं. बीते सत्र में इन कॉलेजों में अधिकांश में आधे से ज्यादा सीटें खाली रह गईं थी. सत्र 2024-26 में प्रदेश स्तर पर बीएड की स्थिति एवं खराब होने की आशंका है.
प्रदेश में बीएड की सीटों से कम छात्र प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए हैं. काउंसिलिंग में केवल सरकारी-एडेड कॉलेजों में छात्रों के प्रवेश का फोकस होगा. ऐसे में सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों से छात्र प्रवेश से किनारा करेंगे. सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में आधी सीटें भरने की भी उम्मीद नहीं है.
17 कॉलेजों ने विवि को लिखकर दिया है कि उनका नाम काउंसिलिंग के लिए भेजा जाए. कॉलेजों ने छात्र नहीं मिलने का हवाला दिया है. अन्य सात कॉलेजों की जांच चल रही है. इन 24 के अतिरिक्त बाकी सभी कॉलेजों के नाम काउंसिलिंग के लिए भेजे गए हैं.
- धीरेंद्र कुमार, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू
सात कॉलेजों की शिकायतें बिल्डिंग ना शिक्षक
विवि में सात कॉलेज ऐसे हैं जिनकी अत्यधिक शिकायतें हैं. इनमें से अधिकांश में ना तो बिल्डिंग है ना शिक्षक. ये कॉलेज केवल हवा में चल रहे हैं. कई कॉलेजों पर हेराफेरी के आरोप हैं. कुछ में मैनेजमेंट का विवाद चरम पर है. इन सभी के खिलाफ जांच चल रही हैं.
मेरठ न्यूज़ डेस्क