दुबई गई छात्राओं ने नोटबुक के पन्नों में छिपा रखे थे $ 4,00,000

कस्टम विभाग ने दुबई जा रही तीन लड़कियों से 4 लाख डॉलर यानी करीब 3.47 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। इन ग्रेजुएशन छात्रों ने नोटबुक के पन्नों के बीच इतनी बड़ी रकम छिपा रखी थी। सीमा शुल्क अधिकारियों को संदेह है कि यह विदेशी मुद्रा हवाला के जरिए दुबई भेजी....
 
दुबई गई छात्राओं ने नोटबुक के पन्नों में छिपा रखे थे $ 4,00,000

कस्टम विभाग ने दुबई जा रही तीन लड़कियों से 4 लाख डॉलर यानी करीब 3.47 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। इन ग्रेजुएशन छात्रों ने नोटबुक के पन्नों के बीच इतनी बड़ी रकम छिपा रखी थी। सीमा शुल्क अधिकारियों को संदेह है कि यह विदेशी मुद्रा हवाला के जरिए दुबई भेजी जा रही थी। हवाला रैकेट ने विदेशी मुद्रा की तस्करी के लिए 20 वर्षीय छात्रों का इस्तेमाल किया है। इस मामले में पुणे से ट्रैवल एजेंट खुशबू अग्रवाल और मुंबई से एक विदेशी मुद्रा व्यापारी को गिरफ्तार किया गया है। ट्रैवल एजेंट ने इन छात्रों के लिए दुबई की यात्रा बुक की थी।

खुफिया इकाई को दुबई से वापस बुलाया गया

पुणे कस्टम्स के अनुसार, अधिकारियों को पहले ही सूचना मिल गई थी कि तीन छात्र नोटबुक में छिपाकर बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा की तस्करी करने की कोशिश कर रहे हैं। भारतीय अधिकारियों के अनुरोध पर दुबई पहुंचने के बाद तीनों छात्रों को वापस भारत भेज दिया गया। 17 फरवरी को दुबई से पुणे आ रहे इन तीनों छात्रों को पुणे एयरपोर्ट पर रोक लिया गया। एयर इंटेलिजेंस यूनिट (एआईयू) के अधिकारियों ने उनकी गहन तलाशी ली। तलाशी में उन्हें 400,100 डॉलर मिले। ये 100 डॉलर के नोट कई नोटबुक के पन्नों के बीच छिपाए गए थे, जो इन छात्रों के बैग में थे।

ट्रैवल एजेंट और विदेशी मुद्रा व्यापारी गिरफ्तार

तीनों छात्र स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं। एयर इंटेलिजेंस यूनिट के अधिकारियों द्वारा पूछताछ के दौरान पता चला कि उसने पुणे की एक ट्रैवल एजेंट खुशबू अग्रवाल के माध्यम से अपनी यात्रा बुक कराई थी। छात्रों ने बताया कि अग्रवाल ने ही उन्हें पैसों से भरा बैग दिया था। यह घटना हवाला के जरिए धन तस्करी के एक बड़े रैकेट की ओर इशारा करती है। हवाला एक अवैध तरीका है जिसमें लोग बिना किसी आधिकारिक रिकॉर्ड के एक स्थान से दूसरे स्थान पर पैसा भेजते हैं। जांच अधिकारियों के अनुसार इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों की तलाश भी जारी है। आगे की जांच में इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों का भी पता चल सकता है।