USAID पर बड़ा खुलासा, इंटरन्यूज़ के माध्यम से मीडिया नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए लाखों डॉलर खर्च किए, भारत से भी जुडे़ तार

नेशनल न्यूज़ डेस्क। हाल ही में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा USAID पर रोक लगाने पर विश्व भर में काफी हलचल मची है। दरअसल अमेरिकी सरकार द्वारा वित्तपोषित इस कार्यक्रम का इस्तेमाल नैरेटिव सेट करने, लोकतंत्र को बाधित करने और ऐसे एजेंडो को आगे बढ़ाने के लिए किया गया। विकीलीक्स ने खुलासा किया है कि अमेरिका वैश्विक मीडिया गैर-सरकारी संगठन इंटरन्यूज के जरिए करीब आधा बिलियन डॉलर का हस्तातंरण किया है। इंटरन्यूज पर गुप्त सेंसरशिप और मीडिया नियंत्रण का बढ़ावा देने का आरोप है।
USAID has pushed nearly half a billion dollars ($472.6m) through a secretive US government financed NGO, "Internews Network" (IN), which has “worked with” 4,291 media outlets, producing in one year 4,799 hours of broadcasts reaching up to 778 million people and "training” over…
— WikiLeaks (@wikileaks) February 8, 2025
रिपोर्ट के मुताबिक इंटरन्यूज की प्रमुख जीन बोर्गांल्ट सालाना 451000 डॉलर कमाती हैं। वह वैश्विक विज्ञापन बहिष्करण सूचियों की समर्थक हैं। उन्होंने सेंसरशिप के लिए भी जोर दिया है, जिसे उन्होंने गलत सूचना माना है। इंटरन्यूज के बारे में ज्यादा जानकारी दें तो उसने 4892 मीडिया आउटलेट्स के साथ काम किया है और अकेले एक साल में 4799 घंटे का प्रसारण किया है। यही नहीं इंटरन्यूज ने 2023 में 9000 से अधिक पत्रकारों को प्रशिक्षित किया है और साथ ही सोशल मीडिया सेंसरशिप पहल का भी समर्थन किया है। डेटा से पता चलता है कि इसके लिए पिछले 17 सालों में 87 प्रतिशत फंडिंग जो लगभग 415 मिलियन डॉलर है, USAID से आई है।
इस मामले में दिलचस्प बात यह भी है कि इंटरन्यूज का भारत से भी संबंध है। इससे देश में संचालित कुछ मीडिया घरानों में नैरेटिव को प्रभावित करने की दूरगामी कोशिश उजागर हुई है और इसका सबंध फैक्टशाला नामक कथित मीडिया साक्षरता कार्यक्रम से है। डेटालीड्स के अंतगर्त संचालित फैक्टशाला का दावा है कि यह मीडिया कर्मियों के लिए एक शैक्षणिक मंच है।
डेटालीड्स की स्थापना सैयद नज़ाकत ने की है और इसका दावा है कि इसने 7500 मीडिया कर्मियों को प्रशिक्षित किया है। फैक्टशाला को गलत सूचना के खिलाफ गूगल न्यूज की पहला का भी समर्थन है। लेकिन मुख्य लिंक इंटरन्यूज का है, जिसे जिसे USAID का समर्थन प्राप्त है।फैक्टशाला का एक एम्बेसडर कार्यक्रम है और इसमें द प्रिंट के शेखर गुप्ता, बीट रुट न्यूज की फेय डिसूजा और द क्विंट की रितु कपूर जैसी मीडिया हस्तियां शामिल हैँ।कोई भी कार्यक्रम जिसका उद्देश्य अक्सर सही कथा को बाधित करना होता है उसका जॉर्ज सोरोस से संबंध होता है । इंटरन्यूज का सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के साथ संबंध है और इसने चिंताएं दी हैं।